Laxmi Mata Ji ki Aarti with Lyrics – लक्ष्मी माता जी की आरती लिरिक्स अर्थ सहित – 1 

Laxmi Mata ji Ki Aarti With Lyrics


Laxmi Mata Ji ki Aarti with Lyrics लक्ष्मी माता धन वैभव एवं ऐश्वर्य प्रदान करती हैं एवं जब लक्ष्मी माता खुश होती हैं तो उस घर में ख़ुशी और प्यार की बरसात होती है | इसलिए लक्ष्मी माता की आरती रोजाना करनी चाहिए और वो भी पूरे भाव से क्योकि कहा भी जाता है कि भगवान भाव के ही भूखे होते हैं और  किसी चीज के नही | 

हर घर में होती है लक्ष्मी माता की आरती | Laxmi Mata Ji ki Aarti with Lyrics

Laxmi Mata Ji ki Aarti – लक्ष्मी माता की आरती वैसे तो हर घर में होती ही है लेकिन अगर उसका सही अर्थ नहीं पता होता है तो हम उस भाव से नहीं आरती गा पाएंगे जिससे लक्ष्मी माता खुश होकर हमारी विनती सुने | 

Laxmi Mata ji Ki Aarti With Lyrics

भाव है जरुरी लक्ष्मी माता की भक्ति के लिए | Laxmi Mata Ji ki Aarti with Lyrics

इसलिए आज हम आपको लक्ष्मी माता की आरती के साथ अर्थ भी बता रहे हैं  | आप बार बार आरती के अर्थ को पढ़ कर समझ लीजिये फिर पूरे भाव के साथ लक्ष्मी माता की आरती गा कर माता को प्रसन्न करिये | माँ महालक्ष्मी को माता दुर्गा का ही रूप माना जाता है और माँ अपने भक्तों को सुख सम्पति दे कर निहाल करती हैं | Laxmi Mata Ji ki Aarti

लक्ष्मी माता जी की आरती लिरिक्स – In Hindi अर्थ सहित | Laxmi Mata Ji ki Aarti with Lyrics

ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता।

तुमको निशिदिन सेवत,हरि विष्णु विधाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥

अर्थ –  हे लक्ष्मी मां, भगवान विष्णु हर दिन आपका ही ध्यान करते हैं। आपको प्रणाम है।

Laxmi Mata Ji ki Aarti with Lyrics

उमा, रमा, ब्रह्माणी,तुम ही जग-माता।

सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत,नारद ऋषि गाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥

अर्थ – आप उमा, रमा और ब्रह्माणी के रुप में जगत का पालन-पोषण करती हो। सूर्य-चंद्रमा भी आपका ध्यान करते हैं और नारद ऋषि भी आपकी स्तुति गाते हैं। आपको प्रणाम है।

Laxmi Mata Ji ki Aarti with Lyrics

दुर्गा रुप निरंजनी,सुख सम्पत्ति दाता।

जो कोई तुमको ध्यावत,ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥

अर्थ – आप मां दुर्गा का ही रुप हैं और सुख-संपत्ति देने वाली हो। जो भी आपका ध्यान करता है और पूजा करता है उसे ऋद्धि, सिद्धि और धन सब कुछ मिल जाता है। आपको प्रणाम है।

Laxmi Mata Ji ki Aarti with Lyrics

 तुम पाताल-निवासिनि,तुम ही शुभदाता। 

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि की त्राता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥

अर्थ – पाताल में भी आपका निवास है, आपकी कृपा हर लोक में है। आप हर तरह का शुभ और मंगल करने वाली हो। आपकी प्रेरणा से ही अच्छे कर्म हो पाते हैं और उनके प्रभाव से भवनिधि की प्राप्ति भी हो जाती है। आपको प्रणाम है।

Laxmi Mata Ji ki Aarti with Lyrics

जिस घर में तुम रहतीं,सब सद्गुण आता। 

सब सम्भव हो जाता,मन नहीं घबराता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ 

अर्थ – जिस घर में आपका निवास हो जाता है वहां हर तरह के मांगलिक कार्य होते हैं। सब कुछ शुभ हो जाता है। हर असंभव काम भी पूरा हो जाता है। मन में किसी भी तरह का डर और शंका नहीं रहती। आपको प्रणाम है।

तुम बिन यज्ञ न होते,वस्त्र न कोई पाता।

खान-पान का वैभव,सब तुमसे आता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥

अर्थ – आपके आव्हान और पूजा के बिना किसी भी तरह के यज्ञ और मांगलिक कार्य नहीं होते हैं। तुम्हारी कृपा के बिना कोई राजसिक सुख नहीं पाता यानी किसी को भी वस्त्र नहीं मिलते, अच्छा भोजन नहीं मिलता और तुम्हारी कृपा से हर तरह का वैभव और सुख मिल जाता है। आपको प्रणाम।

शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर,क्षीरोदधि-जाता।

रत्न चतुर्दश तुम बिन,कोई नहीं पाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥

अर्थ – समुद्र मंथन से आपकी उत्पत्ति हुई है। आपका मंदिर यानी आपका लोक, जहां आप निवास करती हो वो भव्य और सुंदर है। आपकी कृपा से ही इस पृथ्वी पर रत्न और मणियां उपलब्ध है। आपकी कृपा के बिना ऐसा नहीं हो पाता। आपको प्रणाम है।

महालक्ष्मीजी की आरती,जो कोई जन गाता।

उर आनन्द समाता,पाप उतर जाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥

अर्थ – आपकी आरती जो भी कोई गाता है उसे हर तरह का आनंद और आध्यात्मिक सुख मिलता है और उस मनुष्य के हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। आपको प्रणाम है।

इति आरती लक्ष्मी माता की

बोलो लक्ष्मी माता की जय

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