हम सभी लोग रोज हनुमान जी की आरती अपने घरों में गाते हैं लेकिन हम हनुमान जी की आरती का अर्थ नहीं जानते | अगर हम हनुमान जी की आरती का अर्थ जान कर नित्य पूरे भक्ति भाव से आरती करेंगे तो हनुमान जी की कृपा हमारे ऊपर बरसेगी और हम हनुमान जी की भक्ति की दिशा में आगे बढ़ेंगे |
किसने लिखी है हनुमान जी की आरती |Hanuman Ji Ki Aarti With Meaning
गोस्वामी तुलसीदास जी ने हनुमान जी की आरती लिखी है और पूरी आरती में संक्षेप में हनुमान जी के चरित्र का, उनकी कैसे भक्तों पर कृपा बरसती है इस बात का, सब कुछ वर्णन कर दिया है इसलिए हम इस लेख में गोस्वामी तुलसीदास जी को भी श्रद्धापूर्वक याद करते और धन्यवाद देते हैं |
क्यों जरुरी है अर्थ समझना |Hanuman Ji Ki Aarti With Meaning
हनुमान चालीसा का अर्थ समझना इसलिए जरुरी है क्योंकि जब हम हनुमान चालीसा का अर्थ समझेंगे तभी हम अपने अंदर के पवित्र भावों से हनुमान चालीसा का नित्य पाठ कर पाएंगे, जब हमें अर्थ पता होगा तभी हम बजरंग बली हनुमान जी की आरती को पूरे भक्ति भाव से गा पाएंगे | इसलिए इस लेख में हम बजरंगबली की आरती कर अर्थ बता रहे हैं आप इसे बार बार पड़ें और बजरंग बली को प्रसन्न रखें ताकि पवनसुत हनुमान की कृपा आप पर सदैव बनी रहे |
Hanuman Ji Ki Aarti With Meaning | हनुमान जी की आरती अर्थ सहित
हनुमान जी की आरती का अर्थ :
आरती कीजै हनुमान लला की, दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।
अर्थ – सभी लोग वीर हनुमान की पूजा-आरती करते हैं। वे दुष्टों को मारने वाले हैं और श्रीराम के बहुत प्रिय हैं।
जाके बल से गिरिवर कांपै, रोग दोष जाके निकट न झांकै।
अर्थ – हनुमान जी की शक्ति से, विशाल पर्वत भी काँपने, हिलने लग जाते हैं। उनकी कृपा से, हमारे पास किसी भी प्रकार का रोग या मानसिक दोष नहीं आ सकता है।Hanuman Ji Ki Aarti With Meaning
अंजनि पुत्र महा बलदाई, संतन के प्रभु सदा सहाई।
अर्थ – अंजनी माँ ने एक उत्कृष्ट पुत्र हनुमान जी को पैदा किया है, जो सदैव संतों और अच्छे लोगों की सहायता करते हैं |Hanuman Ji Ki Aarti With Meaning
दे बीरा रघुनाथ पठाये, लंका जारि सिया सुधि लाई।
अर्थ – श्रीराम भगवान ने हनुमान जी को माता सीता को खोजने का एक बड़ा कार्य सौंपा था, जिसे उन्होंने पूरी सफलता के साथ पूरा किया। उन्होंने रावण की नगरी लंका जाकर, माता सीता का पता लगाया और भगवान श्रीराम के पास वापस लौटे।Hanuman Ji Ki Aarti With Meaning
लंका सो कोट समुद्र सी खाई, जात पवनसुत बार न लाई।
अर्थ – लंका के किले में बहुत मजबूत घेराबंदी थी और लंका जाने के लिए सौ योजन की समुद्र की दूरी पार करनी पड़ती है लेकिन हनुमान जी ने एक ही क्षण में उसे पार कर लिया और लंका पहुँच गए | Hanuman Ji Ki Aarti With Meaning
लंका जारि असुर संहारे, सीता रामजी के काज संवारे।
अर्थ – हनुमान ने लंका को जलाकर नष्ट कर दिया, लंका के राक्षसों को हनुमान जी ने समाप्त कर दिया । माता सीता और श्रीराम भगवान को मिलाने में उनका ये कार्य बहुत सहायक सिद्ध हुआ | Hanuman Ji Ki Aarti With Meaning
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे, आनि संजीवन प्राण उबारे।
अर्थ – रावण के बेटे इंद्रजीत के बाण से लक्ष्मण जी मूर्छित हो गए थे, लेकिन हनुमान जी ने सही समय पर संजीवनी बूटी लाकर उनके प्राणों की रक्षा करी |
पैठि पाताल तोरि जम कारे, अहिरावन की भुजा उखारे।
अर्थ – जब अहिरावण ने श्रीराम जी और लक्ष्मण जी को पाताल लोक ले गया, तब हनुमान जी ने ही अहिरावण को मारकर श्रीराम जी और लक्ष्मण जी को उसके बंधन से मुक्त कराया था।
बायें भुजा असुर दल मारे, दाहिने भुजा संत जन तारे।
अर्थ – हनुमान जी अपने एक हाथ से (बाएं हाथ) राक्षसों का संहार करते हैं, तो दूसरे हाथ से (दाहिने हाथ) संतों का भला करते हैं। Hanuman Ji Ki Aarti With Meaning
सुर नरमुनिजन आरती उतारें, जय जय जय हनुमान उचारें।
अर्थ – सभी देवता, मानव, और ऋषि-मुनिगण आपकी आरती करते हैं और सब लोग आपकी ही जय-जयकार करते हैं।
कंचन थार कपूर की बाती, आरति करत अंजना माई।
अर्थ – हे हनुमान जी – कंचन की थाली में कपूर की बाती को जलाकर पूरे विधि-विधान के साथ, आपकी माता अंजनी भीआपकी आरती करती हैं।
जो हनुमानजी की आरती गावै, बसि बैकुण्ठ अमर फल पावै।
अर्थ – जो भक्त लोग पूरे भाव से हनुमान जी की आरती करते हैं, वे भवसागर को पार करके बैकुण्ठ में, अर्थात् विष्णु लोक में स्थान प्राप्त करते हैं। Hanuman Ji Ki Aarti With Meaning
लंका विध्वंस किये रघुराई, तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई।
अर्थ – भगवान श्री राम जी ने रावण को मारकर लंका के राक्षसों का विनाश कर दिया है, और गोस्वामी तुलसीदास जी हर समय भगवान् श्री राम की महिमा का गुणगान करते है और भगवान् की कीर्ति गाते हैं ।
आरती कीजै हनुमान लला की, दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।
अर्थ – सभी लोग वीर हनुमान की पूजा-आरती करते हैं। वे दुष्टों को मारने वाले हैं और श्रीराम के बहुत प्रिय हैं। Hanuman Ji Ki Aarti With Meaning
हनुमान जी आरती में हनुमान की महिमा, वीरता और उनकी श्रीराम भक्ति की कीर्ति गायी हुई है जिससे बजरंगबली बहुत खुश होते हैं | जो भी भक्त हनुमान जी की आरती को पूरे भाव से गाता है, वो हनुमान जी की कृपा पाता है |