Ganesh Aarti with meaning | गणेश आरती अर्थ सहित – 1

Ganesh Aarti with meaning

गणेश भगवान: विघ्नहर्ता |Ganesh Aarti with meaning

Ganesh Aarti with meaning | हिन्दू धर्म में गणेश भगवान सबसे महत्वपूर्ण देवता हैं। हम उन्हें विघ्नहर्ता, विद्या प्रदाता और सुखद देवता के रूप में पूजते हैं। वे भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं, और उनकी पूजा से हमारे सभी कार्यों में सफलता मिलती है।

हर शुभ काम और पूजा की शुरुआत से पहले हम गणेश जी की पूजा करते हैं और मानते हैं कि उनके आशीर्वाद के बिना कोई भी शुभ कार्य सफल नहीं हो सकता।

विघ्नेश्वर, गणपति, गणनायक और विनायक | Ganesh Aarti with meaning

हम गणेश जी को कई नामों से जानते हैं, जैसे विघ्नेश्वर, गणपति, गणनायक और विनायक।गणेश जी की माता, माँ महालक्ष्मी को भी माना जाता है और गणेश जी को दीपावली पर लक्ष्मी माता के साथ पूजा जाता है |

Ganesh Aarti with meaning | गणेश आरती अर्थ सहित 

जय गणेश , जय गणेश , जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती , पिता महादेवा॥

जय गणेश , जय गणेश , जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती , पिता महादेवा॥

अर्थ: जय गणपति देवा , जय गणेश भगवान् जी, आपकी जय हो, हे गणेश देवा, आपकी जय हो,आपकी जय हो, हे देवा गणेश देवा।जिनकी माता पार्वती और भगवान शिव शंकर जिनके पिता हैं, उन परम दयालु गणेश भगवान की हम आरती करते हैं | Ganesh Aarti with meaning

एक दन्त दयावन्त , चार भुजाधारी।

माथे पर तिलक सोहे, मुसे की सवारी ||

अर्थ: जय गणपति देवा , जय गणेश भगवान् जी, आपने वेदव्यास जी की साथ महाभारत लिखते समय अपना एक दांत कलम की तरह उपयोग कर लिया था तो अब आपके पास एक ही दांत है, आप दया, करुणा के सागर हैं और आप अपने चार हाथों के साथ रहते हो | आपके माथे पर एक सुंदर टीका लगा हुआ  है, और आप अपने चूहे के वाहन पर सवार रहते हैं। 

पान चढ़ें , फूल चढ़ें और चढ़ें मेवा।

लड्डुअन को भोग लगे, संत करे सेवा ||

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा…

भक्त, आपको पान के पत्ते, सुपारी, फल फूल, मेवा (ड्राई फ्रूट्स) चढ़ाकर प्रसन्न करते हैं, आपकी पूजा में मोदक और लड्डू का भोग लगता है जिससे भक्तगण आपको प्रसंन्न करने  की कोशिश करते हैं |  जय गणपति देवा , जय गणेश भगवान् जी, आपकी जय हो, हे गणेश देवा, आपकी जय हो,आपकी जय हो, हे देवा गणेश देवा।Ganesh Aarti with meaning

अँधे को आँख देत, कोढ़िन को काया |

बांझन को पुत्र देत , निर्धन को माया

अर्थ: अगर कोई अँधा व्यक्ति भी आपकी भक्ति करे तो वो आँखें पा कर देख सकता है, और कोड़ी भी आपकी कृपा से स्वस्थ हो सकता है | अगर किसी स्त्री का पुत्र नहीं हो रहा है तो आपकी पूजा आराधना से उसको पुत्र की प्राप्ति हो जाती है और अगर कोई निर्धन व्यक्ति आपकी नित्य पूजा आराधना करता है तो वो धनवान बन कर सुखपूर्वक रह सकता है |

सूरश्याम शरण आयें सफल कीजे सेवा |

माता जाकी पार्वती , पिता महादेवा॥

अर्थ: समर्थ रामदास जी (जिन्होंने गणेश आरती लिखी हैं), गणेश जी से बोल  रहे हैं कि रामदास जी और समस्त भक्तगण जो भी आरती गाते हैं वो सब आपकी शरण में हैं और आप हमें अपनी शरण में लेके, अपनी कृपादृष्टि हम पर बना कर रखें और हमारी पूजा आरती को सफल करें गणेश महाराज |

जय गणपति देवा , जय गणेश भगवान् जी, आपकी जय हो, हे गणेश देवा, आपकी जय हो,आपकी जय हो, हे देवा गणेश देवा। Ganesh Aarti with meaning

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।

कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥

अर्थ: भक्त गण भगवान गणेश से वंदना करते हैं कि हे गणपति देवा, हे माँ पार्वती और भगवान् शिव शंकर के सूत (पुत्र),  आप गरीब भक्तों की लाज रखिये क्योंकि हमारा सहारा सिर्फ आप ही हैं और  कोई  नहीं है  | हे गणेश देवा, आपसे प्रार्थना है कि हमारी मनोकामना को पूरा कीजिये क्योंकि आप ही हमारी मनोकामना को पूरा कर सकते हैं और आप ही हमें सही रास्ते पर चला सकते हैं | 

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

अर्थ: जय गणपति देवा , जय गणेश भगवान् जी, आपकी जय हो, हे गणेश देवा, आपकी जय हो,आपकी जय हो, हे देवा गणेश देवा।जिनकी माता पार्वती और भगवान शिव शंकर जिनके पिता हैं, उन परम दयालु गणेश भगवान की हम आरती करते हैं | Ganesh Aarti with meaning

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